मलेरिया दिवस - बच्चों ने मलेरिया से बचाव का वर्चुअल संदेश


 फरीदाबाद। हर वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इसे सबसे पहले 2008 में मनाया गया था। अपना देश कोविड के डबल म्यूटेंट के कारण त्रस्त है, बच्चों के ग्रीष्म अवकाश भी घोषित हो गए हैं तथा 31मई तक विद्यालय बंद रहेंगे। इस समय का उपयोग बच्चे वर्चुअल कार्यक्रमों में भागीदारिता द्वारा कर रहे हैं साथ ही सामान्य ज्ञान और रचनात्मकता को भी बढ़ा रहे है और इस प्रकार ग्रीष्म अवकाश के समय का घर पर रह कर सदुपयोग कर रहे हैं। कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के जूनियर रेडक्रॉस, एम्बुलेंस ब्रिगेड और गाइड के बच्चे हर महत्वपूर्ण दिवस के प्रति लोगों को जागरूक करने का कोई अवसर नहींजाने देते। मलेरिया से बचाव के लिए बच्चों की वर्चुअल शुरुआत के लिए राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद के प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने सराहना करते हुए बताया कि मलेरिया दिवस की एक थीम निर्धारित की जाती है जिस पर वैज्ञानिक से लेकर चिकित्सक तक रिसर्च और काम करते हैं। 

इस वर्ष की थीम - जीरो मलेरिया के लक्ष्य की ओर बढ़ना है। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों से अपील की है कि मलेरिया वाटर बॉर्न डिजीज है और यह मलेरिया मादा मच्छर एनोफिलीज के काटने से फैलता है। इन मच्छरों में प्लास्मोडियम पैरासाइट पाया जाता है जो व्यक्ति के रक्त से होकर शरीर में फ़ैल जाता है। खासकर लीवर मेंपहुंचकर यह स्थायी हो जाता है। इसके बाद वह लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करने लगता है। इस से लाल रक्त कोशिकाओं के अंदर के परजीवी कई गुना बढ़ जाते हैं। रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि हर वर्ष पूरे विश्व में इस रोग से कई लोग जान गवां देते हैं लेकिन इसके प्रति आज भी जागरूकता नहीं है। मरने वालों में ग्रामीण और अविकसित क्षेत्र के लोगों की संख्या अधिक होती है। उन्होंने बताया कि मलेरिया के कुछ लक्षण कोरोना से मिलते-जुलते हैं मलेरिया होने पर बुखार आना, घबराहट होना, सिरदर्द, हाथ-पैर दर्द, कमजोरी आदि लक्षण दिखाई देते हैं। इन लक्षणों को अधिक नजरअंदाज करना स्थिति को गंभीर कर सकता है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने आज विद्यालय की एक्टिविटीज कॉर्डिनेटर जसनीत कौर, छात्रा भूमिका, महक और आरती का मलेरिया की गंभीरता को समझने और इस से बचाव का संदेश देने हेतु सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया।